राजस्थान सरकार ने राज्य के गरीब और जरूरतमंद परिवारों के लिए बड़ी राहत की घोषणा की है। अब रसोई गैस सिलेंडर महज 450 रुपए में उपलब्ध कराया जाएगा। इस योजना का नाम है “इंदिरा गांधी रसोई गैस सिलेंडर सब्सिडी योजना” और इसका उद्देश्य है लोगों को कम कीमत पर रसोई गैस सिलेंडर उपलब्ध कराना। बढ़ती महंगाई और आमदनी में स्थिरता के चलते यह योजना लोगों को काफी राहत पहुंचा रही है।
सरकार का यह कदम केवल आर्थिक मदद ही नहीं है, बल्कि एक स्वच्छ और सुरक्षित ईंधन की ओर कदम भी है। इससे न सिर्फ परिवारों का बजट संतुलित रहेगा, बल्कि पारंपरिक ईंधनों के प्रयोग से होने वाले प्रदूषण में भी कमी आएगी।
Gas Cylinder Subsidy योजना का उद्देश्य
Gas Cylinder Subsidy योजना के माध्यम से राजस्थान सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि हर गरीब और जरूरतमंद परिवार को उचित दाम पर गैस सिलेंडर मिल सके। इस योजना की मदद से अब कोई भी परिवार, जिसे पहले गैस सिलेंडर की महंगी कीमतों की वजह से लकड़ी या कोयले पर निर्भर रहना पड़ता था, वह भी रसोई गैस का उपयोग कर सकेगा।
यह योजना सिर्फ खाना पकाने की सुविधा देने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका असर स्वास्थ्य और पर्यावरण पर भी होगा। जब लोग लकड़ी या कोयले का उपयोग बंद करेंगे, तो घर के अंदर का धुआं कम होगा और इससे सांस संबंधी बीमारियों में भी गिरावट आएगी। इसके अलावा जंगलों से लकड़ी काटने की दर भी घटेगी, जिससे वन संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा।
गैस सिलेंडर भरवाने पर सब्सिडी
इंदिरा गांधी रसोई गैस सिलेंडर सब्सिडी योजना का मूल उद्देश्य है कि गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को गैस सिलेंडर भरवाने पर सरकारी सहायता मिल सके। जब कोई लाभार्थी गैस सिलेंडर भरवाएगा, तो सरकार द्वारा निर्धारित सब्सिडी राशि सीधे उसके बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएगी।
इस योजना की शुरुआत राजस्थान सरकार ने 1 अप्रैल 2023 को की थी। फिलहाल उज्ज्वला योजना के तहत आने वाले उपभोक्ताओं को 450 रुपए प्रति सिलेंडर की दर से गैस उपलब्ध कराया जा रहा है। यह सब्सिडी राशि लाभार्थी को बाद में बैंक खाते में वापस मिलती है।
राज्य सरकार द्वारा योजना का संचालन
राज्य सरकार ने इस योजना को अपने बजट में शामिल किया है और इसका संचालन खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता विभाग द्वारा किया जा रहा है। इस विभाग को योजना का नोडल विभाग बनाया गया है।
इसके साथ ही केंद्र सरकार द्वारा भी प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना चलाई जा रही है, जिसके तहत करोड़ों बीपीएल परिवारों को मुफ्त गैस कनेक्शन दिए गए हैं। उज्ज्वला योजना के अंतर्गत आने वाले लाभार्थियों को इंदिरा गांधी रसोई गैस योजना का भी लाभ मिल रहा है।
उज्ज्वला 2.0 योजना के तहत विशेष रूप से प्रवासी श्रमिकों और दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को प्राथमिकता दी जा रही है। इससे यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि जो परिवार मुख्यधारा से दूर हैं, उन्हें भी योजना का पूरा लाभ मिल सके।
₹400 की सब्सिडी प्रति गैस सिलेंडर
इस योजना के तहत केंद्र और राज्य सरकार मिलकर कुल 450 रुपए की सब्सिडी प्रदान कर रही हैं। केंद्र सरकार द्वारा 300 रुपए और राज्य सरकार द्वारा शेष 150 रुपए की सब्सिडी दी जा रही है।
अगर कोई उपभोक्ता एक गैस सिलेंडर भरवाता है जिसकी मौजूदा बाजार कीमत करीब 900 रुपए है, तो वह पहले पूरी राशि का भुगतान करेगा। इसके बाद उसे 450 रुपए की सब्सिडी उसके बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी।
इस योजना से उन लोगों को काफी राहत मिलेगी जो पहले गैस की महंगी कीमतों के कारण सिलेंडर भरवाने में असमर्थ थे। अब वे सस्ते में गैस भरवा सकेंगे और स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित ईंधन का प्रयोग कर सकेंगे।
सब्सिडी प्राप्त करने की प्रक्रिया
इस योजना का लाभ लेने के लिए कुछ जरूरी शर्तें और प्रक्रिया तय की गई हैं। नीचे दिए गए चरणों का पालन करके कोई भी पात्र व्यक्ति इस योजना का लाभ उठा सकता है:
चरण 1: KYC करवाना आवश्यक
उपभोक्ता को अपने नजदीकी गैस एजेंसी या योजना केंद्र पर जाकर योजना से संबंधित केवाईसी प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
चरण 2: आवश्यक दस्तावेज
- जन आधार कार्ड
- आधार कार्ड
- बैंक खाता विवरण (जो आधार से लिंक हो)
चरण 3: लिंक खातों की पुष्टि
आधार कार्ड और जन आधार कार्ड बैंक खाते से लिंक होने चाहिए ताकि सब्सिडी सीधे लाभार्थी के खाते में पहुंच सके।
चरण 4: सिलेंडर भरवाने की रसीद
गैस सिलेंडर भरवाने के बाद उपभोक्ता को पूरी राशि (लगभग ₹900) का भुगतान करना होगा। फिर सरकार द्वारा 450 रुपए की सब्सिडी लाभार्थी के खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी।
चरण 5: सीमित सिलेंडर पर सब्सिडी
इस योजना के तहत प्रति वर्ष अधिकतम 12 सिलेंडरों पर ही सब्सिडी दी जाएगी।
जरूरी शर्तें और लाभार्थी चयन
सिर्फ वे ही लोग इस योजना का लाभ ले सकते हैं जो प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत पात्र घोषित किए गए हैं। इसके अलावा व्यक्ति का नाम जन आधार कार्ड में दर्ज होना चाहिए और वही बैंक खाता जन आधार से लिंक होना आवश्यक है।
सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि केवल सही और जरूरतमंद व्यक्ति ही योजना का लाभ उठा सकें। इसीलिए लाभार्थियों की सूची तैयार करने के लिए जन आधार डाटा और सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण को आधार बनाया गया है।
निष्कर्ष
इंदिरा गांधी रसोई गैस सिलेंडर सब्सिडी योजना न केवल एक सामाजिक कल्याणकारी कदम है, बल्कि पर्यावरण और स्वास्थ्य दोनों के लिए एक प्रभावशाली पहल है। इससे राज्य के लाखों गरीब और कमजोर वर्ग के परिवारों को बड़ी राहत मिलेगी।
अब हर घर में खाना पकाने के लिए सुरक्षित, सस्ता और स्वच्छ ईंधन उपलब्ध हो सकेगा। सरकार की यह योजना आने वाले वर्षों में आम जनता के जीवन स्तर को बेहतर बनाएगी और स्वच्छ भारत मिशन को भी मजबूती देगी।