देश में मतदान की प्रक्रिया को ज्यादा पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए चुनाव आयोग लगातार कदम उठा रहा है। इसी दिशा में एक नया फैसला लिया गया है, जिसके तहत अब वोटर आईडी कार्ड को आधार कार्ड से लिंक करना अनिवार्य होगा। ये फैसला देश के हर मतदाता पर लागू होगा और अगर किसी ने ऐसा नहीं किया, तो उसकी वोटर आईडी रद्द भी हो सकती है।
दिल्ली में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की गई, जिसमें सरकार और चुनाव आयोग के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए थे। इस बैठक में तय किया गया कि देशभर के सभी नागरिकों को अपने वोटर कार्ड को आधार कार्ड से लिंक कराना जरूरी होगा। इस प्रक्रिया को जल्द ही पूरे देश में लागू किया जाएगा।
Voter ID Aadhar Card Link: जानिए क्यों जरूरी है यह प्रक्रिया
अब देश में हर मतदाता के लिए यह अनिवार्य कर दिया गया है कि वह अपने वोटर आईडी कार्ड को आधार कार्ड से जोड़ें। ऐसा करने के पीछे सबसे बड़ा उद्देश्य यह है कि फर्जी मतदान की घटनाओं को रोका जा सके। बहुत से लोग एक से अधिक वोटर आईडी कार्ड बनवा लेते हैं और अलग-अलग स्थानों से मतदान करते हैं। आधार से लिंकिंग होने के बाद यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि एक व्यक्ति का केवल एक ही वोटर आईडी कार्ड हो।
वोटर आईडी को आधार कार्ड से जोड़ने से व्यक्ति की पहचान भी पूरी तरह से प्रमाणित हो जाती है, जिससे चुनाव प्रक्रिया और अधिक पारदर्शी और निष्पक्ष बनती है। चुनाव आयोग का यह कदम लोकतंत्र को मजबूत करने की दिशा में एक अहम पहल माना जा रहा है।
वोटर कार्ड को आधार कार्ड से लिंक करवाना हुआ जरूरी
अब देशभर में सभी नागरिकों के लिए यह आवश्यक हो गया है कि वे अपनी वोटर आईडी को आधार कार्ड से लिंक करें। चुनाव आयोग इस प्रक्रिया को जल्द ही व्यापक रूप से शुरू करने वाला है और इसके लिए एक ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों विकल्पों की सुविधा दी जाएगी।
चुनाव आयोग के मुताबिक, वोटर आईडी और आधार कार्ड को लिंक करने का काम एक अभियान के तहत किया जाएगा ताकि देश के सभी मतदाता समय रहते इस कार्य को पूरा कर सकें। इसके लिए एक निर्धारित समय सीमा भी तय की जाएगी, जिसके भीतर सभी नागरिकों को यह प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
वोटर आईडी हो सकती है निरस्त
अगर किसी व्यक्ति ने अपनी वोटर आईडी को आधार कार्ड से लिंक नहीं करवाया, तो उसका नाम वोटर लिस्ट से हटाया जा सकता है। चुनाव आयोग ने साफ किया है कि यह कदम सिर्फ चुनाव प्रक्रिया की शुद्धता बनाए रखने के लिए उठाया गया है।
ऐसे में अगर किसी नागरिक का वोटर कार्ड आधार से लिंक नहीं हुआ है, तो उसे मतदान के समय परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। खासकर भविष्य में होने वाले चुनावों में ऐसे नागरिकों को वोट देने से वंचित भी किया जा सकता है। हालांकि जब तक व्यक्ति का नाम मतदाता सूची में दर्ज है, तब तक वह किसी वैध पहचान पत्र के जरिए मतदान कर सकता है।
लेकिन इस तरह की स्थिति से बचने के लिए बेहतर यही होगा कि समय रहते सभी नागरिक अपने वोटर कार्ड को आधार कार्ड से लिंक करवा लें।
वोटर कार्ड को आधार कार्ड से लिंक करने की प्रक्रिया
अगर आप अपने वोटर कार्ड को आधार कार्ड से लिंक करना चाहते हैं, तो आप नीचे दिए गए आसान स्टेप्स को फॉलो कर सकते हैं:
- ऑनलाइन प्रक्रिया
- सबसे पहले राष्ट्रीय मतदाता सेवा पोर्टल (https://www.nvsp.in/) पर जाएं।
- वहां “Search in Electoral Roll” सेक्शन में जाकर अपना नाम और विवरण भरें।
- जब आपकी जानकारी दिख जाए, तो वहां “Feed Aadhaar Number” का विकल्प मिलेगा।
- उस पर क्लिक करें और आधार कार्ड की जानकारी भरें।
- OTP प्राप्त करें और सबमिट करें।
- आपकी वोटर आईडी आधार से लिंक हो जाएगी।
- सबसे पहले राष्ट्रीय मतदाता सेवा पोर्टल (https://www.nvsp.in/) पर जाएं।
- SMS के जरिए लिंक करना
- अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से EPIC वोटर आईडी नंबर आधार नंबर टाइप करें और 166 या 51969 पर भेजें।
- अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से EPIC वोटर आईडी नंबर आधार नंबर टाइप करें और 166 या 51969 पर भेजें।
- मोबाइल ऐप के जरिए
- Voter Helpline App डाउनलोड करें।
- लॉगिन करके “Aadhaar Link” विकल्प पर जाएं।
- EPIC नंबर और आधार नंबर दर्ज करें और OTP से वेरिफाई करें।
- Voter Helpline App डाउनलोड करें।
- ऑफलाइन प्रक्रिया
- नजदीकी बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) के पास जाएं।
- वहां एक फॉर्म भरें जिसमें वोटर आईडी और आधार की जानकारी दें।
- आधार कार्ड की फोटोकॉपी साथ में दें।
- कुछ दिनों में आपका वोटर कार्ड आधार से लिंक हो जाएगा।
- नजदीकी बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) के पास जाएं।
क्या होगा वोटर कार्ड को आधार कार्ड से लिंक करवाने का फायदा
वोटर आईडी को आधार कार्ड से जोड़ने का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इससे फर्जी वोटिंग पर पूरी तरह रोक लगाई जा सकेगी। देश में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां लोगों ने दो या उससे अधिक वोटर कार्ड बनवाकर चुनाव में गड़बड़ी की है।
आधार कार्ड के साथ वोटर आईडी लिंक होने से यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि एक व्यक्ति केवल एक ही मतदाता के रूप में दर्ज हो। इसके अलावा इससे मतदाता की पहचान पूरी तरह से प्रमाणित हो जाएगी, जिससे वोटिंग प्रक्रिया में किसी प्रकार की धोखाधड़ी नहीं हो पाएगी।
वोटिंग के समय भी इस लिंकिंग का लाभ मिलेगा। अगर आप अपना वोटर कार्ड नहीं ला सके हैं, तो आधार कार्ड दिखाकर भी वोट डाल सकते हैं। इससे मतदाता को सहूलियत मिलेगी और मतदान की प्रक्रिया भी तेज और सुगम होगी।
आधार कार्ड से वोटर आईडी लिंक होने के बाद क्या बदल जाएगा
वोटर कार्ड को आधार से जोड़ने के बाद भविष्य की चुनाव प्रक्रिया में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं। यह प्रक्रिया डिजिटल इंडिया के तहत तकनीकी सुधारों का हिस्सा है। इससे चुनाव आयोग के पास प्रत्येक मतदाता की सटीक जानकारी होगी और किसी भी प्रकार की दोहराव या गड़बड़ी की गुंजाइश नहीं बचेगी।
इसका असर न सिर्फ चुनावों में दिखाई देगा बल्कि देश की लोकतांत्रिक प्रणाली को भी और अधिक मजबूत बनाया जा सकेगा। सरकार के इस फैसले से आम नागरिकों को भी चुनावों में भागीदारी करने में ज्यादा पारदर्शिता और भरोसा मिलेगा।